Friday 26 August 2016

सोने दो


एक इंसान ..
डेवलप (?) हो रहे देश में
अपनी अर्धांगिनी की लाश
काँधों पर ढो रहा है
विकास का सपना पाले
आम इंसान हैरान है
हाय! यह क्या हो रहा है?
उसके ऊपर टूट पड़ा पहाड़
क्या उसके पास
समय की कमी है
या असीमित सहन शक्ति
आख़िर वो
क्यों नहीं रो रहा है
चलने दो चलचित्र
बदलने दो दृश्य
म्यूट कर के
शांति से देखते रहो
श्श!!!! कुछ मत कहो
खिंचा रहने दो परदा
जीत की थकन उतरी नहीं है
युद्ध हाल फ़िलहाल होना नहीं है
सोने दो....
छोटी सी बात के लिए
मत जगाओ
राजा सो रहा है
   :प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
     फतेहपुर उत्तर प्रदेश
      08896865866

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