Tuesday 13 August 2013

पोपली आजी

पोपली आजी
मरकर भूत बन गई है
सब मोहल्ले वाले कहते हैं
और ये भी .....
कि वो डराती है
रात-बिरात
काश ...... वो मेरे पास भी
आये .....डराये
मोहल्ले के सारे बच्चों को
दुलराती थी पोपली आजी
अपने घर के बाहर बैठी
और मुझे सब से ज़्यादा
या ........
हर एक बच्चे को यही महसूस होता
जब से वो मरी है
हमारा टोला गुमसुम है
........और टोली भी
 मैं सोचता हूँ
भूत बनकर भी
कैसे वो डरा पायेगी किसी को
बोलती थी तो
फूक ही निकल जाता था
पोपली आजी के मुँह से
कहानियाँ सुनाती ....हँसाती  आजी
कैसी लगती होगी डराती हुई
मैं सोचता हूँ अगर
वो मुझे डराने आये
तो उसको देखकर ही
हँसते-हँसते मेरा दम निकल जाये