Wednesday 31 August 2016

हाइकू

दिल्ली की आज की दो ख़बरों पर  एक हाइकु।
यदि लगे कि दोनों स्थितियों पर एक ही हाइकु सटीक है तो लाइक करके आशीष प्रदान करें।

हे भगवान!
आख़िर डुबा ही दी
'आप' ने दिल्ली
    :प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
      फतेहपुर उ.प्र.
      08896865866

Sunday 28 August 2016

दिखा कुछ कुछ

रात के बाद ये लगा कुछ कुछ
अब उजाले से राब्ता कुछ कुछ

चल पड़ा आज जब अकेला मैं,
खुल रहा एक रास्ता कुछ कुछ

मौत का खौफ़ हो गया जिस शब,
बस उसी रात मैं जिया कुछ कुछ

अब दवा का असर दिखा मुझ पर
काम करने लगी दुआ कुछ कुछ

दरमियाँ दूरियाँ हुईं जब से,
ख़्वाब इक टूटता लगा कुछ कुछ
         ©प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'

Friday 26 August 2016

सोने दो


एक इंसान ..
डेवलप (?) हो रहे देश में
अपनी अर्धांगिनी की लाश
काँधों पर ढो रहा है
विकास का सपना पाले
आम इंसान हैरान है
हाय! यह क्या हो रहा है?
उसके ऊपर टूट पड़ा पहाड़
क्या उसके पास
समय की कमी है
या असीमित सहन शक्ति
आख़िर वो
क्यों नहीं रो रहा है
चलने दो चलचित्र
बदलने दो दृश्य
म्यूट कर के
शांति से देखते रहो
श्श!!!! कुछ मत कहो
खिंचा रहने दो परदा
जीत की थकन उतरी नहीं है
युद्ध हाल फ़िलहाल होना नहीं है
सोने दो....
छोटी सी बात के लिए
मत जगाओ
राजा सो रहा है
   :प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
     फतेहपुर उत्तर प्रदेश
      08896865866

Thursday 25 August 2016

उतने बदले रूप।

जितनी पड़ीं ज़रूरतें, उतने बदले रूप।
तू अर्जुन की छाँव है, दुर्योधन की धूप।।
कैसे इस उपकार को, भूलेगा संसार।
एक कृष्ण के जन्म से , पापी मिटे हज़ार।।

Saturday 13 August 2016

अब कुछ तो

1222 1222 1222 1222
बहुत दिन बाद  ये भरने लगा है घाव अब कुछ तो।
हमारे देश में दिखने लगा बदलाव अब कुछ तो।
दिलों के दरमियाँ पैदा हुई थी दूरियाँ कितनी,
जो मन की बात कह दी कम हुआ अलगाव अब कुछ तो।
बरसने से लगे डरने जो कड़वे बोल ये बादल
नदी में नफरतों की आ गया ठहराव अब कुछ तो।
ज़मीं के स्वर्ग से हूरों के आशिक जा रहे ज़न्नत,
मेरे कश्मीर में कम हो रहा भड़काव अब कुछ तो।
अमीरों के लिए केवल नहीं सरकार चलती है,
गरीबों के लिए होने लगे प्रस्ताव अब कुछ तो।
   :प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'

Sunday 7 August 2016

गोरक्षा

कुछ शरारती कर रहे, हिंदु धर्म बदनाम।
गोरक्षा की आड़ में, गोरखधंधा आम ।।
        :प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'