Tuesday 26 April 2016

हाइकु बैलों के

माटी की गोदी
बैलों का श्रम बोये
मोती ही मोती

बैलों की जोड़ी
अथक परिश्रम
बरसे अन्न

ऐसी प्रगति
बैल बेरोज़गार
वक़्त की मार

ग़ुम हो गई
ट्रैक्टर के शोर में
बैलों की घंटी

No comments:

Post a Comment