Tuesday 9 February 2016

वैलेंटाइन स्पेशल दोहे

वैलेंटाइन स्पेशल दोहे

अपने अपने तौर से,सब कर रहे प्रपोज।
कुछ को मुस्कानें मिलीं, कुछ ने पाई डोज।

मन में ही करता रहा उसको रोज़ प्रपोज।
मुझसे पहले दे गया कोई 'रेड 'रेड रोज।

कैसे करूँ प्रपोज मैं, राह बताओ आप?
भाई है बजरंगिया, शिवसेना में  बाप।

फूलों वाला कह रहा, ले लो सस्ते रोज।
सौ रुपये के नोट में, दस को करो प्रपोज।

दो जगहों पर शिफ्ट है, लव का सब सामान।
ग्रीटिंग वाली गैलरी, फूलों की दूकान।

लैला मजनूं हम नहीं, हम हैं गर्ल व ब्वाय।
नाम प्यार का दूसरा, होता है इन्जॉय।

लवर ब्याय हूँ जान ले, कैसे लूँगा चान्स।
जा तू दूजा ढूँढ ले, मेरी है अडवांस।
✒ प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
     फतेहपुर उत्तर प्रदेश
📱 8896865866

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