प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' का साहित्य को समर्पित ब्लॉग
ये तो खुशबू है हवाओं में सफर करती है दिल के दरिया में बहुत तेज़ लहर करती है ये मुहब्बत है इसे तुम न छुपा पाओगे आग की आँच बहुत दूर असर करती है
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