Friday 1 January 2016

बियर पिलाते दोस्त

                  पाँच दोहे

नया वर्ष कुछ यूँ मना बियर पिलाते दोस्त |
कमर हिलाती लड़कियाँ, मूवी, मुर्गा, गोश्त।

नए वर्ष में क्या नया , केवल इक तारीख़।
अभी यहाँ वो निर्भया, रही कहीं पर चीख।

नए वर्ष का दिन नया, जब खोला अख़बार।
अच्छे दिन के कुछ नहीं, दिखे मुझे आसार।

नए वर्ष में सब नया , कैसे होगा सोच।
सागर भरा अथाह है, लघु चिड़िया की चोंच।

नए वर्ष के ज़श्न में, हुआ मुझे यह ज्ञान।
आगे है यह युग युवा, हूँ मैं ही नादान।
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-प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' www.praveenkumarsrivastav.blogsot.com
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