Sunday 15 November 2015

मोहब्बत तो दिखाई दी

इन्हें जिनसे असल में थी मोहब्बत तो दिखाई दी।
चलो इस मोड़ पर आख़िर हक़ीक़त तो दिखाई दी।
अभी तक जो गए उन पर न आँसू आँख से निकले,
किसी के वास्ते चलिए शराफ़त तो दिखाई दी।
ग़लत की हम तरफ़दारी ज़रा सी भी नहीं करते।
चलो इस बार तुममें भी बग़ावत तो दिखाई दी।
यही हर एक को था शक कि सोने में मिला पीतल
भले कुछ देर से ही हो मिलावट तो दिखाई दी।
कहा करते सियासत से नहीं मतलब हमें यारों
किसी मौके चलो उनकी शरारत तो दिखाई दी।

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