Friday 28 February 2020

जीवन है

जीवन है ये जीवन में बदलाव ज़रूरी है
कभी ज़रूरी धूप तो कभी छाँव ज़रूरी है

मंज़िल मिल जायेगी बस है चलने की देरी
स्वागतोत्सुक नवप्रभात निशि ढलने की देरी
दृढ़ निश्चय कब बाधाएँ टिक पाती हैं
अर्जुन के तरकश से तीर निकलने की देरी

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