Friday 28 February 2020

हर एक मोड़ पर

2122 1221 2212 2122 12
ज़िंदगी के हर एक मोड़ पे बस तुम्हारी निशानी मिली
जितने पन्ने पलटते गये सब में एक ही कहानी मिली

उम्र ढल भी गयी तो भी क्या तुम चले भी गये तो भी क्या
गाँव लौटे तो हमको वही अपनी ज़िंदा जवानी मिली

फिर कई साल के बाद हम अबके होली में रंगीन हैं
घर की संदूकची में दबी एक चिट्ठी पुरानी मिली

होंगी मौसम की मज़बूरियां उसने हमको न मिलने दिया
पर मेरे सामने जब पड़ी बर्फ भी पानी पानी मिली

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