Tuesday 22 August 2017

मुक्तक

अब जनता के अधिकारों पर कोई वार नहीं होगा।
माँ बहनों पर भी अब कोई अत्याचार नहीं होगा।
रोज़गार के अवसर होंगे युवा नहीं अब भटकेगा,
शिष्टाचार सबल होगा अब भ्रष्टाचार नहीं होगा।

जातिवाद परिवारवाद के दिन अब लदने वाले हैं।
झूठे  दावे  हैं  विकास  के,  परदे  उठने  वाले हैं ।
नेता नहीं चुने जायेंगे जनता जाग चुकी है अब,
हम सब मिलकर अब समाज के सेवक चुनने वाले हैं।

       :प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
       08896865866

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