222 222 222 222 22
एक बना कानून अगर हक़ और हिफाज़त वाला
क्यों फिर लेकर बैठे हो कानून शरीयत वाला।
तीन तलाक, हलाला क्या है समझाओ तो मुझको
औरत की इज़्ज़त ना जाने कैसा इज़्ज़त वाला
बात सही कड़वी होती है पर कहना पड़ता है
क्या तकलीफ़ हुयी है क्यों अंदाज़ बगावत वाला।
औरत ही महफूज़ नहीं तो क्या कानून शरीया,
कहने को कानून मियां फ़रमान ज़लालत वाला।
पन्ने फाड़ो फेंको जिनको दीमक खा बैठी है,
किस्सा जड़ से ख़त्म करो इस बार हिक़ारत वाला।
:प्रवीण 'प्रसून'
08896865866
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