सूरज क़िस्मत का अब बुझने वाला लगता है।
उससे लम्बा मुझको उसका साया लगता है।
उससे लम्बा मुझको उसका साया लगता है।
राहु रिजर्वेशन का उसको ढक कर बैठ गया
पूरा चंदा भी दुनिया को आधा लगता है
पूरा चंदा भी दुनिया को आधा लगता है
वोटों की खेती में पैसा पैदा होता है,
फसलों की खेती घाटे का धंधा लगता है।
फसलों की खेती घाटे का धंधा लगता है।
हंस समझकर तुमने जिसको कुर्सी दे डाली,
वेश बदलकर बैठा मुझको कौआ लगता है।
वेश बदलकर बैठा मुझको कौआ लगता है।
अब किस राह 'प्रसून' बताओ हो पैसे वाला
पैसा पाने को भी कितना पैसा लगता है!
: प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
फतेहपुर उ.प्र.
08896865866
पैसा पाने को भी कितना पैसा लगता है!
: प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
फतेहपुर उ.प्र.
08896865866
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