Saturday 27 February 2016

ताक़त चाहिए

       फ़िलबदीह 145 से

ज़िन्दगी को और हिम्मत चाहिए।
अब अदब की ही इनायत चाहिए।

नेक नीयत मर्द के हो ख़ून में,
औरतों को ये हिफाज़त चाहिए।

एक पक्की सैकड़ों कच्ची न हों,
सब घरों में एक सी छत चाहिए।

लखपती हैं जात उनकी ख़ास है,
इसलिये उनको मुरव्वत चाहिए।

शायरी में बादशाहत का जुनूँ,
ऐ ख़ुदा अब और ग़ुरबत चाहिए।

-प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
फतेहपुर उ.प्र.
8896865866

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