Friday 27 November 2015

वहाँ तुम थाम लेते हो

मियां मतलब भला क्या जो ख़ुदा का नाम लेते हो।
अगर नादान बच्चों से कड़ा तुम काम लेते हो।
वफ़ा देकर सनम मैंने यही दौलत कमाई है,
जहाँ मैं टूट जाता हूँ वहाँ तुम थाम लेते हो।
ज़रा दूकान में अपनी कहीं ईमान भी रख लो,
मुझे कंकड़ थमाकर मोतियों का दाम लेते हो।
यहाँ जनता तुम्हारी मुश्किलों से ज़ंग लड़ती है,
वहाँ तुम मखमली बिस्तर लगा आराम लेते हो।
किसी ने ज़िन्दगी दे दी इमारत को बनाने में,
वहीं तुम मुफ़्त में तख़्ती लगा ईनाम लेते हो।

कॉपीराइट@
-प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
फतेहपुर उत्तर प्रदेश

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