Monday 1 October 2012

१.
सीमायें हारीं
प्यार न बांध सकीं
टूटीं स्वयं ही
2.
सीमा से परे
उड़ान सपनों की
पूरे-अधूरे

3.

भूल गया जो
अनुशासन-सीमा
भूला उन्नति

4.

नेह पसरा
दिल से दिल तक
सिमटी सीमा
5.
सरल हिंदी
बहती नदिया सी
तरल हिंदी
करती रससिक्त
जीवन भाव रिक्त
6.
समर्थ हिंदी
गरिमामय भूत
उज्ज्वल भावी
संवारो वर्तमान
मातृभाषा महान
7.
प्यारी मातृभू
मातृभाषा क्यूँ नहीं
सोचो तो जरा
हिंदी का अधिकार
पूरे देश का प्यार
8.
दिखलायेँगे
सपनोँ का संसार
यही सहारे
9.
दिल से दिल
प्रतीक मिलन का
हाथ मेँ हाथ
10.
जीवनसाथी
छोड़ना मत हाथ
सुख-दुःख मेँ
11.
चलते चलेँ
सुगम हुईँ राहेँ
संग तुम्हारे
12.
पीछे छोड़ दी
रिवाजोँ की बेड़ियाँ
सच्चे प्यार मेँ

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