बेटी की आँखें
ख्वाबों की तितलियाँ
सजीली पांखें
रोली चन्दन
रंग संग खुशबू
लक्ष्मी वन्दन
पिता के ख़्वाब
सच करेगी बेटी
रखती ताब
छूती शिखर
बिटिया पढ़कर
काटो न पर
वीणा झंकार
सरस्वती साकार
हँसी बिटिया
:प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
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