Monday 5 June 2017

सोच कर के शज़र घुना जाये

2122 1212 22
आज तिनकों को फिर चुना जाये
और  फिर   घोसला   बुना  जाये

छोड़  कर  क्यों  गया  मुझे पंछी
सोच कर  के  शजर  घुना  जाये

आप  की  आँख  हो  रही है नम
आप  से  क्या  कहा  सुना  जाये

सर्द  कोहरा  है और दिल
इश्क़ में हो ये   कुनकुना जाये

महफ़िलें  दिल सजा  के  बैठा है
काश   पाज़ेब   रुनझुना    जाये

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