2122 1212 22
आज तिनकों को फिर चुना जाये
और फिर घोसला बुना जाये
छोड़ कर क्यों गया मुझे पंछी
सोच कर के शजर घुना जाये
आप की आँख हो रही है नम
आप से क्या कहा सुना जाये
सर्द कोहरा है और दिल
इश्क़ में हो ये कुनकुना जाये
महफ़िलें दिल सजा के बैठा है
काश पाज़ेब रुनझुना जाये
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