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सियासत की गली बेनूर को पुरनूर करती है
यहाँ तो बदज़ुबानी भी बहुत मशहूर करती है
सियासत की गली बेनूर को पुरनूर करती है
यहाँ तो बदज़ुबानी भी बहुत मशहूर करती है
उखाड़ो फेंक दो काँटा किसी के दर्द का वायस
रवायत जो कि औरत जात को रंजूर करती है
रवायत जो कि औरत जात को रंजूर करती है
पता है मछलियों को एक दिन काँटा फँसा लेगा
मगर ये भूख फँसने के लिए मज़बूर करती है
मगर ये भूख फँसने के लिए मज़बूर करती है
कहीं ये क़ामयाबी दूर अपनों से न ले जाये
यही यक बात मेरे हौसले को चूर करती है
यही यक बात मेरे हौसले को चूर करती है
तुम्ही मुंसिफ़ अगर तन्हाइयां लिख दीं मिरे हक़ में
तुम्हारा फ़ैसला ये ज़िन्दगी मंज़ूर करती है
:प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
तुम्हारा फ़ैसला ये ज़िन्दगी मंज़ूर करती है
:प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
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