प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' का साहित्य को समर्पित ब्लॉग
साबित होई छ्वाट जब, गठबंधन का जोड़। इक दुसरे की खोपड़ी, लिहो ठीकरा फोड़।।
का चिंता युवराज का, जब जइहैं ईं हार। ज़िम्मेदारी के बरे, बहुत बइठ तइयार।।
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