Friday 1 July 2016

क्षणिका

व्यापार
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वैसे तो
ईमानदार था
लोग कहने लगे
भू-माफिया
वो तो उसका
व्यापार था

जागरुकता
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पहले वो
सीधे खा जाता था
पान मसाला
अब....खाने से पहले
पढता है
वैधानिक चेतावनी

नियम
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पूछ लिया
सरकारी बाबू से
आबू नगर का रास्ता
उसने कहा
लिखकर दो

छूट
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ओवरलोड माफ़
जितने चौराहे
उतने
बीस के नोट साफ़

सीख
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नौकरी के पहले दिन
उससे कहा था
चींटी से सीखना
सतत कर्म के बजाय
सीख लिया उसने
शक्कर ढूँढना

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