प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' का साहित्य को समर्पित ब्लॉग
बहुत कठिन कैसे कहूँ, कितना माँ का प्यार। थोड़ी कोशिश कर रहा, जैसे जग विस्तार।।
-प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
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