फुरसतिया
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-प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'
चुनाव के परिणाम देखकर मैं दंग तो बिल्कुल नहीं हुआ क्योंकि पता था कमान राहुल गाँधी के हाथ में है। वैसे अब भाजपा वाले भी राहुल भइया से प्यार करने लगे हैं । महात्मा गाँधी के लिए लिखा गया था चल पड़े जिधर दो डग मग में चल पड़े कोटि पग उसी ओर अब वर्तमान गाँधी के साथ इसका बिल्कुल उल्टा हो रहा है ऐसा क्यों??????
ख़ैर मेरी समझ में तो आने से रहा! मैं पहुँच गया फुरसतिया के पास।
फुरसतिया ने पानमसाले की पीक मारी और बोला यार य तो बहुतै आसान सवाल है राहुल म कउनो कमी नहीं आय। कमी हवे उनके नाम म।
मैं चकित होते हुए बोला वो कैसे?
फुरसतिया ने सौ टके की बात कही।
नाम है राहुल मतलब 'राहु' + 'ल' समझेव?????
कुच्छ नहीं बेटवा नाम बदलो समझो काम होइगा!!!!!
मैं सर खुजलाते हुए लौट पड़ा।
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